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घरवाली पर बाहरवाली का साया

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Outsider's shadow on the housewife
Married life
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रायपुर, 12 दिसंबर | Married life : पति पत्नी के बिच अगर वो आ जाए, तो वैवाहिक जीवन में भूचाल आ जाता है। बच्चों के भविष्य पर भी प्रश्न चिन्ह लग जाता है और मामला कोर्ट कचहरी तक पहुँच जाता है।इस बार पूर्व आईपीएस अधिकारी किरन बेदी ऐसी ही एक महिला की कहानी उसके ही शब्दों में बता रही हैं.

मेरा नाम रानी है उम्र 25 साल है। मैं दिल्ली की एक झुग्गी बस्ती की रहने वाली हूं। मेरी मां ने घरों में बर्तन धोने का काम कर मुझे पाल-पोस कर बड़ा किया। मेरी मां को टीवी थी।

वह अपनी आकस्मिक मृत्यु और मेरे भविष्य को लेकर हमेशा चिंतित रहती थीं। हमारे मोहल्ले का माहौल अच्छा नहीं था। इसी वजह से उन्होंने कम उम्र में ही मेरी (Married life) शादी राजू नाम के लड़के के साथ कर दी। मंगोलपुरी निवासी राजू ने खराद मशीन लगा रखी थी।

उसकी कमाई से घर का खर्च आसानी से चल जाता था। सास भी मुझे बेटी की तरह व्यवहार करती थी। इसी दौरान मुझे एक बेटी तथा एक बेटा पैदा हुए। समय आने पर बच्चों को स्कूल में दाखिला भी दिला दिया गया। कुल मिलाकर हमारी जिंदगी सुकून से कट रही थी।

सन 2005 में मेरे देवर राजकुमार की शादी हुई। उसकी (Married life) शादी के साथ ही हमारे वैवाहिक जीवन में तूफान खड़ा हो गया। मेरी देवरानी श्यामा मुझसे ज्यादा पढ़ी-लिखी व जवान थी। उसका पति आवारा और निकम्मा था।

देवरानी ने मेरे पति पर डोरे डालने शुरू कर दिए। मेरा पति उसके मोह जाल में पूरी तरह फंस गया और मेरी उपेक्षा करने लगा। पति के बदले रवैये से मैं काफी परेशान थी। एक दिन मैंने अपनी देवरानी और पति को एक साथ देख लिया।

इससे मेरा पारा चढ़ गया। मैंने उसे बहुत बुरा-भला कहा और अपने पति को इस घटिया हरकत से बाज आने को कहा। मेरा पति देवर का खर्च भी उठाता था , इस वजह से वह निकम्मा अवैध संबंध को जान-बूझकर नजरअंदाज करता रहा।

दोनों बेटों के साथ हो जाने से मेरी सारा अकेली पड़ जाती थीं। वे दोनों उसकी एक भी न सुनते थे। एक दिन मैं बाजार से सामान लाने गई थी , लौटी तो पति और देवरानी को अठखेलियां करते देखा। मैं उन्हें देखकर आगबबूला हो उठी।

नौक-झोंक इतनी अधिक बढ़ गई कि मेरे पति ने दोनों बच्चे मुझसे छीने लिए और मुझे घर से बाहर निकाल दिया। मुहल्ले के लोगों ने हस्तक्षेप किया तो पति ने मुझे अपने साथ रखने से इनकार कर दिया।

वह चाहें तो मुझसे तलाक लेले। मैं अपनी बीमार मां के घर आकर रहने लगी। कुछ दिनों बाद मैं अपने बच्चों को देखने गई। राजू ने मुझसे कहा कि मैं उसके और देवरानी के नाजायज रिश्तों को सीधी तरह कबूल कर लू , वरना वह मुझे बहुत पीटेगा।

इसके बाद देवरानी ने पूरे घर पर कब्ज़ा कर लिया। सभी ओर से निराश होकर मैं मदद की गुहार लेकर नव ज्योति फैमिली काउंसलिंग सेंटर गई। वहां पर काउंसलर ने मेरे पति को बुलाकर समझाया और मुझे अपने साथ ले जाने को कहा, लेकिन वह तैयार नहीं हुआ।

उसके रवैये को देखते हुए नव ज्योति ने उसके खिलाफ डॉमेस्टिक वॉयलेंस एक्ट और चाइल्ड कस्टडी एक्ट के तहत केस दायर कर दिया है। अब मैं मुफ्त कानूनी सहायता के जरिए कानूनी रूप से अपना हक हासिल करने के लिए लड़ रही हूं।


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