Home छत्तीसगढ़ प्रदेश में बीते दो माह में 12,700 लोगों के मोतियाबिंद का सफल...

प्रदेश में बीते दो माह में 12,700 लोगों के मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन

49
0
Spread the love

प्रदेश में पिछले दो महीनों में 12 हजार 700 लोगों के मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन कर उनकी दृष्टि लौटाई गई है। इस दौरान जन्मजात मोतियाबिंद से पीड़ित 53 बच्चों का भी सफल ऑपरेशन कर उनका जीवन रोशन किया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे मोतियाबिंद ऑपरेशन अभियान के अंतर्गत कोंडागांव के सुदूर वनांचल के कुम्हारबड़गांव की दो बुजुर्ग महिलाओं का ऑपरेशन कर उनके जीवन में दोबारा उजाला बिखेरा गया है। ये दोनों बहनें मोतियाबिंद के कारण बीते दो सालों से दृष्टिहीनों जैसा जीवन जीने को मजबूर थीं।

स्वास्थ्य विभाग में अंधत्व निवारण समिति के प्रभारी संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि अधिकतर मोतियाबिंद धीरे-धीरे विकसित होता है। शुरूआत में दृष्टि प्रभावित नहीं होती है, लेकिन समय के साथ यह देखने की क्षमता को प्रभावित करता है। इसके कारण व्यक्ति अपनी प्रतिदिन की सामान्य गतिविधियों को भी नहीं कर पाता है। मोतियाबिंद के लक्षणों में दृष्टि में धुंधलापन या अस्पष्टता, बुजुर्गों में निकट दृष्टि दोष में निरंतर बढ़ोतरी, दिन के समय आंखें चौंधियाना, दोहरी दृष्टि (डबल विजन) तथा चश्मे के नंबर में अचानक बदलाव आना प्रमुख हैं।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि राज्य शासन ने 2025 तक मोतियाबिंद से दृष्टिहीनता को दूर करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए हर साल करीब एक लाख से अधिक लोगों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जाना है। हर वर्ष कार्निया ट्रांसप्लांट के माध्यम से करीब 200 लोगों को आंखों की रोशनी दी जाती है। इस वर्ष बीते दो महीनों अप्रैल और मई में प्रदेश में 12 हजार 700 लोगों के मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है। वहीं चिरायु दल द्वारा चिन्हांकित 79 जन्मजात मोतियाबिंद पीड़ित बच्चों में से 53 बच्चों का सफल ऑपरेशन किया गया है।

कोंडागांव के सुदूर वनांचल के कुम्हारबड़गांव की दो बुजुर्ग महिलाओं की भी रोशनी मोतियाबिंद ऑपरेशन के जरिए लौटाई गई है। ये दोनों बहनें पिछले दो वर्षों से दृष्टिहीन सा जीवन जीने को मजबूर थीं। मोतियाबिंद के कारण दो सालों से वे कुछ भी देख पाने में सक्षम नहीं थीं। ऑपरेशन के बाद दोनो बहनें वापस अपना सामान्य जीवन जीने लगी हैं। शिक्षा व जानकारी के अभाव में अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में मोतियाबिंद व इससे जुड़ी जागरूकता की कमी है। इसके चलते लोग धीरे-धीरे अपनी आंखों की रोशनी खोते रहते हैं।


Spread the love