रायपुर। राजधानी रायपुर के गंज परिसर में छत्तीसगढ़ का प्रदेश का पहला साइबर सेल का रेंज थाना खुलने जा रहा है। आनलाइन बढ़ते अपराध को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। पीएचक्यू से 80 लाख रुपये की स्वीकृति भी हो गई है। काम भी शुरू कर दिया गया है। अब आनलाइन फ्राड होते ही सीधे साइबर थाने में एफआइआर दर्ज होगी। यहीं से जांच भी होगी। इसके लिए अधिकारी नियुक्त होंगे।
मुख्यमंत्री एक सप्ताह में कर सकते हैं भूमि पूजन
एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने गंज परिसर जहां बिल्डिंग बननी है उसका निरीक्षण किया। वहीं एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की बिल्डिंग (एसीसीयू) में भी बदलाव किया जाएगा। जानकारी के अनुसार सब कुछ ठीक रहा तो एक सप्ताह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भूमि पूजन कर सकते हैं। पुलिस हेड क्वार्टर हो प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है।
पांच जिले होंगे शामिल
रायपुर के अलावा रेंज के महासमुंद, गरियाबंद, बलौदाबाजार और धमतरी जिले के सभी थाना क्षेत्रों में होने वाले आनलाइन फ्राड और फाइनेंसियल फ्राड की जांच अब यहीं से होगी।
यह सब रहेगा
जिला और रेंज के लिए अलग-अलग टीआइ रहेंगे। साइबर फ्राड के लिए अलग टीम का करेगी। वहीं फाइनेंसियल फ्राड के लिए दूसरी टीम रहेगी। जिसके लिए अलग-अलग कक्ष बनाए जाएंगे। पूछताछ कक्ष, हेल्प डेस्क और लाकअप रूम होगा।
यह मिलेगा फायदा
बता दें कि इससे पहले आनलाइन फ्राड होने के बाद प्रार्थी को थाने के चक्कर लगाने होते थे। इसके बाद साइबर सेल मामला जाता था। अब सीधे साइबर के रेंज थाने में अपराध दर्ज कर विवेचना की जाएगी। इससे सही समय पर फ्राड के पैसे को होल्ड करवाना, आरोपित को पकड़ना बैंक से जानकारी जुटाना सहित अन्य काम होंगे।
पांच लाख से ऊपर के फ्राड केस की यहां होगी जांच
जानकारी के अनुसार योजना तैयार की जा रही है कि फ्राड की लिमिट भी तय की जाएगी। इसमें पांच लाख से ऊपर का फ्राड होने पर साइबर सेल थाने में जांच होगी। विवेचना से लेकर आरोपित की गिरफ्तारी अन्य काम यहीं से होंगे। पांच लाख से कम वाले मामलों में थाने में शिकायत दर्ज हो सकेगी।
रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने कहा, रेंज का साइबर थाना गंज परिसर में बनाया जा रहा है। जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। साइबर फ्राड तेजी से बढ़ रहा है थाना बनने से आरोपितों को पकड़ने में मदद मिलेगी। वहीं जांच, विवेचना भी यहीं होगी। पीएचक्यू को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है।
साइबर क्राइम बढ़ रहा
– राजधानी समेत राज्य में साइबर क्राइम की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले साल रायपुर में चार हजार से ज्यादा साइबर फ्राड हुए हैं। दो करोड़ से ज्यादा का फ्राड हुआ है।
क्या होगा साइबर थाने का कार्य
– रायपुर ही नहीं, दूसरे जिलों के भी साइबर अपराध से संबंधित सूचनाओं पर यह थाना अपने विंग से समाधान का प्रयास करेगा।
– सभी संवेदनशील जगहों मसलन बैंक, सुरक्षा एजेंसी, नेटवर्किंग साइट्स आदि की मानिटरिंग का जिम्मा भी इसी थाने के पास होगा।
– दूसरे थानों में भी साइबर क्राइम से संबंधित शिकायतें (आइटी एक्ट) आएंगी तो उसे साइबर थाने में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इससे सामान्य थानों में पड़ने वाले अतिरिक्त लोड घट जाएंगे।