नई दिल्ली । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा और तहरीक-ए-तालिबान द्वारा भारत में आतंक फैलाने के लिए प्रभावशाली युवाओं को भर्ती करने और कट्टरपंथी बनाने की साजिश के संबंध में महत्वपूर्ण बरामदगी की।
यह बरामदगी चार राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु में कई छापों के दौरान की गई। महाराष्ट्र में तीन स्थानों और अन्य तीन राज्यों में एक-एक स्थान पर तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक डिजिटल उपकरण बरामद किए गए।
एनआईए साजिश में शामिल लोगों का पता लगाने और दोनों आतंकी संगठनों की गैरकानूनी और कट्टरपंथी योजनाओं और अभियानों के माध्यम से देश को अस्थिर करने के उनके प्रयासों को विफल करने के लिए उपकरणों की जांच कर रही है।
यह छापे इन प्रतिबंधित संगठनों द्वारा पहले भर्ती किए गए दो आरोपियों के खिलाफ अप्रैल 2023 में दर्ज मामले में एनआईए जांच का हिस्सा थे। दोनों अफगानिस्तान में जमीन की खरीद के लिए विदेशों में धन हस्तांतरण सहित विघटनकारी आतंक से जुड़ी गतिविधियों की एक सीरीज में शामिल थे।
एनआईए की जांच से पता चला है कि दोनों आरोपी कमजोर और अतिसंवेदनशील युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भारत में सक्रिय अपने आतंकी मोर्चों की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए दोनों संगठनों में युवाओं की भर्ती में भी शामिल थे। पूरी साजिश का उद्देश्य भारत में आतंक फैलाना और इसकी शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करना था।
तहरीक-ए-तालिबान अफगान-पाकिस्तानी सीमा पर सक्रिय विभिन्न इस्लामी सशस्त्र आतंकवादी समूहों का एक छात्र संगठन है। जबकि अल कायदा एक उग्रवादी संगठन है जो भारतीय उपमहाद्वीप में एक इस्लामी राज्य और एक इस्लामी खलीफा स्थापित करने का प्रयास कर रहा है।