राजनांदगांव। भाजपा के प्रदेश अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री आशीष डोंगरे की डोंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में निरंतर सक्रियता के बूते उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने के लिए समर्थन मिल रहा है। युवा और नया चेहरा होने के चलते भी उन्हें दावेदारों की लिस्ट में शामिल बताया जा रहा है। उनके समर्थकों ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने की मांग की है।
छात्र राजनीति से आए आशीष डोंगरे मौजूदा समय में राजनांदगांव नगर पालिक निगम में पार्षद प्रतिनिधि हैं, उनकी माता लखोली क्षेत्र से पार्षद हैं। तकरीबन 15 सालों से वे भाजपा संगठन में सक्रिय हैं और कई महत्वपूर्ण दायित्व उन्हें सौंपे जा चुके हैं। अनु. जाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री के तौर पर उन्हें दुर्ग जिले का प्रभार सौंपा गया है। इससे पहले वे जिला युवा मोर्चा उपाध्यक्ष रहते हुए डोंगरगढ़ प्रभारी रहे हैं।
डोंगरगढ़ में आशीष की सक्रियता उनके पक्ष में जाती है। यहां संगठन के लिए सक्रिय रहते हुए उन्होंने काफी मेहनत की है। विपक्ष में अपनी भूमिका निभाते हुए उन्होंने युवाओं को रिचार्ज किया और वरिष्ठों के साथ मिलकर कांग्रेस सरकार के कुशासन की खिलाफत की। जेल भरो, घेराव जैसे कार्यक्रमों में आशीष की ऊर्जा ने भी संगठन को प्रभावित किया है।
एनसीसी से ताल्लुक रखने वाले प्रदेश मंत्री आशीष डोंगरे बौद्ध समाज से आते हैं, जिनकी डोंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में तादाद काफी ज्यादा है। यह सीट भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इसके अलावा उन्होंने दूसरे समुदायों का समर्थन हासिल करने के लिए भी मेहनत की है। उन्होंने क्षेत्र के दौरे कर लोगों से राय-मशविरा कर अपनी स्थिति मजबूत की है। 33 वर्षीय आशीष को इन्हीं आधार पर डोंगरगढ़ विधानसभा से योग्य दावेदार माना जा रहा है। निर्विवाद और स्वच्छ छवि ने भी उन्हें फायदा पहुंचाया है।
संगठित रहकर आगे बढ़ाने के विजन के साथ आशीष ने लोगों के बीच अपनी जगह बनाई है। बौद्ध समाज में भी वे जिला बौद्ध समाज कल्याण समिति के उपाध्यक्ष हैं। इससे पूर्व वे नगर समिति में भी उपाध्यक्ष का दायित्व संभाल चुके हैं। खुद को मिली जिम्मेदारियों को उन्होंने महत्वपूर्ण अवसर की तरह आत्मसात किया है, जिसका नतीजा है कि वे कम समय में ही एक बेहतर नेता की छवि गढ़ने में कामयाब रहे हैं।