Pakistan Occupied Kashmir (PoK): केंद्र सरकार ने 18 सितंबर को संसद का विशेष सत्र बुलाया है, जिसको लेकर सियासी गलियारों में खलबली मची हुई है, हालांकि बुधवार को इसको लेकर राज्यसभा की ओर से बुलेटिन जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि ‘सदन मे संविधान सभा की उपलब्धियों और अनुभव पर चर्चा होने के साथ -साथ संसद में सिर्फ 4 सामान्य बिल लाए जाएंगे।’
लेकिन इसी बीच खबर आ रही है कि केंद्र सरकार सरकार संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके)के विलय पर प्रस्ताव लाने का विचार कर रही है। हालांकि राज्यसभा के बुलेटिन में जिन चार बिलों की बात की गई है वो निम्नलिखित हैं।
एडवोकेट संशोधन विधेयक
प्रेस एवं आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023
डाकघर विधेयक 2023
मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त विधेयक 2023
इनमें तो पीओके को लेकर कोई जिक्र नहीं है लेकिन मीडिया गलियारों में पीओके के प्रस्ताव वाली बात ने जोर पकड़ा है, इसके पीछे सबसे बड़ा कारण केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का वो बयान है, जो कि उन्होंने मीडिया से बात करके हुए राजस्थान के दौसा में दिया था। उन्होंने शिया मुसलमानों की भारत के लिए सड़कें खोलने की मांग वाले सवाल पर कहा था कि ‘बस कुछ वक्त इंतजार कीजिए, PoK का अपने आप भारत में विलय हो जाएगा।’
क्या है पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK)?
दरअसल पाक अधिकृत कश्मीर, का मतलब है जम्मू- कश्मीर का वह हिस्सा है, जहां पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्ज़ा किया हुआ है। पीओके, भारत का हिस्सा है क्योंकि कश्मीर के राजा हरि सिंह और स्वर्गीय पीएम जवाहर लाल नेहरू के बीच इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेस पर समझौता हुआ था लेकिन पाकिस्तान ने इस पर अवैध ढंग से कब्जा किया हुआ है। इसमें दक्षिण कश्मीर के आठ जिले आते हैं, जिनके नाम हैं नीलम, मीरपुर, भीमबार, कोटली, मुजफ्फराबाद, बाग, रावलकोट और सुधनोटी।
कांग्रेस उठा रही है लगातार सवाल
केंद्र सरकार के स्पेशल सेशन को लेकर कांग्रेस लगातार वार कर रही है, ,सोनिया गांधी समेत कई नेताओं ने सेशन का एजेंडा क्लीयर ना होने की वजह से केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की है। सोनिया गांधी ने तो इसी विषय पर पीएम मोदी को पत्र भी लिखा था।