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बिलासपुर में डायरिया के मिले 32 मरीज, दो की हुई मौत

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एक बार फिर शहरी क्षेत्र में डायरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा है। इमलीपारा क्षेत्र में डायरिया से दो महिलाओं की मौत होने से हड़कंप मचा हुआ है। वहीं बुधवार को भी इमलीपारा क्षेत्र में 16 नए मरीज मिले हैं। इसी तरह तिफरा के बछेरापारा में भी 16 नए मरीजों की पहचान की गई है। उनके उपचार की व्यवस्था की गई है। 48 घंटे के भीतर इन दोनों क्षेत्र को मिलाकर कुल 62 मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से दो की मौत हुई है।

स्वास्थ्य विभाग की जांच में डायरिया फैलने की वजह दूषित पानी का सेवन बना है। शहर के मध्य में इमलीपारा क्षेत्र है, लेकिन जिस तरह की सुविधा नगर निगम द्वारा यहां पर देनी चाहिए, वैसी स्थापित नहीं की गई है। खासतौर से पेयजल व्यवस्था के मामले में क्षेत्र की अवलेहना की जा रही है। इस क्षेत्र में लगभग तीन दशक पहले पेयजल के लिए पाइपलाइन बिछाई गई थी। वहीं अब पुरानी होने की वजह से इन्हें बदलना जरूरी हो गया है।

ज्यादातर पाइपलाइन नालियों के अंदर से गुजर रही हैं और अवैध कनेक्शन के साथ ही पाइप में जंग लगने की वजह से जगह-जगह लीकेज हो गए हैं। इन्हीं लीकेज के माध्यम से नाली का दूषित पानी वर्षा होने की स्थिति में घरों में पहुंच जा रहा है और इस दूषित पानी को पीकर ही लोग बीमार हो रहे हैं।

बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर रही और कारण जानने के लिए ही क्षेत्र का सर्वे किया। यहां उन्हें नाली में गंदगी के साथ पाइपलाइन की हालत खराब मिली है। ऐसे में क्षेत्र से पानी का सैंपल भी लिया गया है। ठीक इसी तरह की स्थिति तिफरा के बछेरापारा की है। यहां की नालियों में पर्याप्त गंदगी है, जिस ओर नगर निगम जरा भी ध्यान नहीं दे रहा है। पाइपलाइन की हालत भी खराब है।

इस क्षेत्र में भी पाइपलाइन लीकेज एक समस्या बनकर उभरी है। क्षेत्र में वर्षा शुरू होने के साथ ही बीच-बीच में डायरिया के मरीज मिल रहे थे, लेकिन निगम प्रबंधन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसी वजह से अब क्षेत्र में डायरिया का प्रकोप बढ़ गया है।

स्वास्थ्य अमला भी है जिम्मेदार

वर्षा शुरू होते ही शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र में लगातार डायरिया फैल रहा है। बीच-बीच में लगभग सभी मोहल्ले से कोई न कोई डायरिया मरीज मिल जा रहा है। बड़ी संख्या में मरीज मिलने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग महज खानापूर्ति रवैया अपना रहा है। दिखावे के नाम पर प्रभावित क्षेत्र में एक-दो दिन कैंप लगाकर खानापूर्ति कर ली जा रही है। स्वास्थ्य विभाग भी पानी के नमूने ले रहा है, पर उसकी रिपोर्ट का अब तक अता-पता नहीं है।

दवाओं का किया गया वितरण

दोनों ही क्षेत्र में मरीज मिलने का सिलसिला जारी है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रभावित क्षेत्र के घरों का सर्वे किया है। आवश्यक दवाएं देकर, पानी उबालकर पीने की सलाह दी जा रही है। साथ ही उल्टी-दस्त होने की दशा में तत्काल चिकित्सक से संपर्क करने कहा जा रहा है।

मौजूदा स्थिति में 12 मरीजों की हालत गंभीर है। ऐसे में इनका इलाज अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कर किया जा रहा है। बाकी मरीजों का इलाज घर से हो रहा है, जिन्हें आवश्यक दवाएं दी गई हैं।

 


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