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दिगंबर जैन आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के मंगल आगमन पर संस्कारधानी नगरी में उमड़ा जन सैलाब

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राजनांदगांव। आज 24 दिसंबर, रविवार को युग श्रेष्ठ 108 आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का मंगल प्रवेश राजनांदगांव में हुआ। दिगंबर जैन समाज के सूर्यकांत जैन ने बताया कि आचार्य भगवन की मंगल अगवानी मनसुख लाल पेट्रोल पंप के पास प्रातः 8.30 बजे दिगंबर जैन समाज सहित सकल जैन समाज एवं राजनांदगांव शहर के सभी समाज प्रमुखों द्वारा की गई। जिसमें अग्रवाल समाज, माहेश्वरी समाज, खंडेलवाल समाज, गुप्ता समाज सहित शहर की अहिंसामई समाज ने पूरे उत्साह और उमंग के साथ वर्तमान के वर्धमान आचार्य भगवन का ससंघ का भाव भीना स्वागत किया। स्वागत के दौरान जैन समाज की सभी महिलाओं ने एकरूप धार्मिक परिधान पहनकर 108 कलशो के साथ धार्मिक ध्वज लहराते हुए आचार्य श्री का ससंघ स्वागत किया। आचार्य श्री के आगमन से जैन मंदिर गंज लाइन पहुंचने तक सुमधुर भजनों की प्रस्तुति चंद्रेश जैन एवं श्रीमती टीना जैन द्वारा अपने साथियों के साथ प्रस्तुत की गई, जिस पर युवा वर्ग पूरे उत्साह के साथ नृत्य करते हुए अपने तीर्थंकर स्वरूप आचार्य श्री का स्वागत करते रहे। सूर्यकांत जैन ने बताया कि आचार्य श्री के मंदिर जी में पहुंचने के उपरांत उनकी दिव्य देशना सुनने का सौभाग्य सभी शहरवासियों एवं जैन समाज को प्राप्त हुआ। आचार्य श्री के प्रवचन के समय उपस्थित जैन समाज ने भगवान 1008 श्री नेमिनाथ जिनालय जो की 125 वर्ष प्राचीन हो चुका है, उसके नव निर्माण का अनुरोध आचार्य श्री से किया था, जिसे दोहराते हुए समाज ने पुनः अपना अनुरोध आचार्य भगवान से प्रवचन के समय किया, जिसे सहस् स्वीकृति देते हुए आचार्य श्री ने नए भव्य मंदिर निर्माण का शुभाशीष जैन समाज के सभी सदस्यों को जिम्मेदारी देते हुए दिया और उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से जैन समाज ने जो भावना व्यक्त की है, वह सराहनीय है और उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि जिस तरह हम अपना घर छोटे से बड़ा बनाते हैं, तो जिसकी अनुकंपा से सारा वैभव है, समय के साथ भगवान का मंदिर भी बड़ा और भव्य होना चाहिए। आचार्य श्री ने कहा कि ऐसे भव्य जिनालय का निर्माण हो जिसकी उम्र लगभग 2000 वर्ष हो जिससे हमारे आने वाली कई पीढ़ियां जैन धर्म को जानकर अपने मोक्ष का मार्ग प्रशस्त कर सके। जिसके लिए आचार्य श्री के समक्ष मंदिर निर्माण को लेकर रूपरेखा तैयार की गई एवं आचार्य श्री ने कहा प्रतिष्ठाचार्य जी को आमंत्रित कर कार्य की पूर्ण रूपरेखा बनाने की बात आचार्य श्री ने कहीं। ऐसे आचार्य भगवान जिनके दर्शन को देवराज इंद्र भी अपना सौभाग्य समझते हैं, ऐसे आचार्य परमेष्ठी को नवधा भक्ति से पडगाहन कर संपन्न करने का सौभाग्य सीलरानी काकी परिवार दिगंबर जैन समाज के सचिव रविकांत जैन, चंद्रकांत जैन, सूर्यकांत जैन परिवार को प्राप्त हुआ, जिसकी सारे समाज ने उनके पुण्य की बहुत अनुमोदना की। आज आचार्य भगवान की मंगल अगवानी के लिए उपस्थित सभी साधर्मी बंधुओ का सभी सम्मानित शहरवासियों का दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष अशोक झंझरी, सचिव रविकांत जैन ने सभी की गरिमामय उपस्थित के लिए आभार व्यक्त किया।
आज की अगवानी में मुख्य रूप से शहर की प्रथम नागरिक महापौर हेमा देशमुख, विनोद बड़जात्या, नरेश डाकलिया, अजीत जैन, प्रकाश जैन, चंद्रकांत जैन, कुलबीर सिंह छाबड़ा, शारदा तिवारी, रमेश जैन, राजेंद्र जैन बंटू, किशुन यदु, पीसी जैन, अनिल बड़कुल, सुदेश जैन, राहुल जैन, निक्की जैन, संजय जैन, विद्यासरी, संतोष झंझरी, कमलेश जैन, चीमन जैन, ललित जैन, सुधीर जैन, संजय चोपड़ा, प्रफुल्ल जैन, नरेश जैन, पूनम जैन, बलराज जैन, रिंकू झंझरी, अरुण गंगवाल, दीपक गंगवाल, चमन जैन, मनोज जैन, राकेश जैन, सुबोध जैन, सुशील छाबड़ा, पार्षद राजेश जैन, राजेंद्र लड्ढा, यश जैन, शशांक जैन, सागर जैन, रिंकू जैन, अंशुल जैन, अनीश जैन, अखिलेश जैन, प्रसन्न जैन, युगल बाफना, मीनू जैन, निखिल जैन, प्रमोद जैन सहित बड़ी संख्या में धर्मावलंबी उपस्थित रहे। उक्त जानकारी सूर्यकांत जैन ने दी।


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