नई दिल्ली | देश में ये साल रोजगार के नजरिये से अच्छा नहीं रहा। करोबार में कई के कारण कई दिग्गज आई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को बाहर कर दिया। स्टार्टअप के क्षेत्र में तो और भी खराब हालात रहे। कई 100 स्टार्टअप ने अपे 15,000 से अधिक कर्मचारियों को इस साल नौकरी से बाहर कर दिया। साल का अंत होते-होते पेटीएम ने भी अपने कर्मचारियों में कमी की। स्टार्टअप के लिए यह साल काफी कठिन रहा। प्राप्त जानकारी के अनुसार कई कंपनियों ने अपना खर्च कम करने के लिए कई लोगों को नौकरी से निकला दिया। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और सेल्फ ऑटोमेशन प्रणाली लागू होने से भी आईटी में कई लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी। काम की कमी और वित्तीय संकट के कारण कई स्टार्टअप तो बंद तक हुए हैं।
कोविड-19 के बाद से ही इन कंपनियों की हालत ठीक नहीं हुई थी। लॉकडाउन में बढ़ी हुई मांग के लिए जहां नए लोगों को नौकरियां दी गईं। वहीं इसके बाद मांग घटने के साथ ही इन लोगों को बाहर कर दिया गया। पैसे की कमी के कारण भी कंपनियों को अपना खर्च कम करने लोगों को हटाना पड़ा। अमरीका और यूरोप में आर्थिक कमी के चलते भी इन स्टार्टअप पर बुरा असर पड़ा। आईएमएफ और विश्व बैंक की रिपोर्टों ने भी ग्लोबल मंदी की आशंका जाहिर की। जिसके कारण बड़े पैमाने पर छंटनी शुरु हो गयी।