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स्वच्छ भारत मिशन केंद्रीय योजना भ्रष्टाचार मामले के मौनी संरक्षक बने सांसद पांडे : कांग्रेस

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राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के मीडिया प्रभारी रूपेश दुबे ने संसद संतोष पांडे के कार्यकाल को निष्कि्रय काल निरूपित करते हुए कहा कि सांसद अपने क्षेत्र की जनता के हितों को भी ध्यान रखने में बेसुध रहे, जिसके कारण ही स्वच्छ भारत मिशन (शौचालय) केंद्रीय योजना में संसदीय क्षेत्र में हुए व्यापक स्तर पर करोड़ों रुपए की सुनियोजित हेरा-फेरी की प्रमाणित दस्तावेजी शिकायत 15 मार्च 2023 दिए जाने के बाद भी केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने में असफल रहे है, जांच होने पर हितग्राहियों को राहत मिलती, किंतु निष्कि्रय नेतृत्व के कारण यह हो ना सका।
प्रवक्ता दुबे ने आगे कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में व्यक्तिगत शौचालय के लिए संसदीय क्षेत्र के हितग्राहियों को 12000 रूपये की राशि उनके बैंक खातों में सीधे हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से कर उन्हें योजना से लाभान्वित करना था, लेकिन राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में किसी भी हितग्राही को 12000 रूपये की राशि का भुगतान नहीं किया गया और एक सुनियोजित साजिश के तहत यह कार्य सरपंचों के माध्यम से कराकर सरपंचों को फंसाने का खुला खेल खेला गया। फर्जी ओडीएफ घोषित कर वाहवाही लूट लिये, जिसके चलते बहुत से सरपंचों को राशि हेरा-फेरी एवं गबन के मामले में जेल जाने की नौबत आ गई थी, जबकि इस योजना के अंतर्गत छग की भाजपा सरकार लोक सुराज अभियान 2016 में शासकीय पुस्तक छपा कर योजनानुसार राशि हितग्राहियों को दी जानी है, वह वितरित किया था। समाचार पत्रों में बड़े-बड़े विज्ञापन छपाये थे और उसके बाद भी केंद्रीय योजना के क्रियान्वयन में कोई परिवर्तन न कर केंद्रीय योजना के नियमावली के विपरीत राशि हेरा-फेरी कर जहां हितग्राहियों को उनके हक से वंचित किया, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ड्रीम प्रोजेक्ट योजना का बंठाधार किया। जनहित के हक के लिए केंद्रीय एजेंसी से जांच के लिए दस्तावेजों सहित शिकायत सांसद संतोष पांडे के कार्यालय में एवं तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव के लिए 15 मार्च 2023 को प्रस्तुत किया गया था, लेकिन 1 वर्षों में भी इनके द्वारा जांच नहीं कराया जाना केंद्रीय योजना में भ्रष्टाचार को संरक्षित करने का काम है और साथ ही साथ जो सांसद अपने क्षेत्र की जनता को मिलने वाली हक की राशि की जांच ना कराना इनकी निष्कि्रयता का स्पष्ट प्रमाण ही है। अपने क्षेत्र की जनता को मिलने वाली राशि एवं केंद्रीय योजना से लाभ से वंचित होने पर भी आवाज नहीं उठाने के कारण पूरे संसदीय क्षेत्र की जनता सांसद के खिलाफ मतदान कर अपना हिसाब बराबर करेगी।


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