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बगीचा जनपद सचिव मंगतूराम भगत के अनेक भ्रष्टाचार, सरपंच सहित ग्रामीणों ने की कलेक्टर से शिकायत

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भानुप्रताप साहू

जशपुर। जशपुर जिले के बगीचा जनपद पंचायत में भ्रष्टाचार के विभिन्न मामले सामने आते रहते हैं। इसी कड़ी में ग्राम पंचायत लोरो के सचिव मंगतू राम भगत के खिलाफ वहां के खुद सरपंच ने ही विभिन्न 10 बिंदुओं का शिकायत पत्र बनाकर कलेक्टर को सौंपा है ।


आपको बता दें वहां के सरपंच वासुदेव व ग्रामीणों ने शिकायत पत्र ने बताया है कि सचिव मंगतू राम भगत वर्ष 2021 से ग्राम पंचायत लोरो में पदस्थ है सचिव मंगतू राम भगत नशा करता है एवं वर्ष 2022 में छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक खेल जशपुर से छात्राओं के साथ वापस लौटते वक्त सोगड़ा में सरेआम शराब का सेवन करने के कारण ग्राम पंचायत से निलंबित किया गया था किंतु बहाल होकर पुन: यहीं पदस्थ है जिसके कारण मनमानी एवं फर्जी करने का मनोबल बढ़ गया है यह मूलभूत योजनाओं की राशि से आगे की जानकारी नहीं देता है एवं सरपंच का फर्जी हस्ताक्षर कर राशि आहरण भुगतान कर देता है ।
यह की महतारी वंदन योजना के नाम पर रूपन राम पंच के नाम पर 23000 रुपए का चेक काटकर सरपंच को दबाव देकर हस्ताक्षर कराकर फर्जीवाड़ा किया गया है।
मनरेगा अंतर्गत सचिव मंगतू राम भगत के द्वारा वर्ष 2023 24 में स्वीकृत द्वितीय श्रेणी सड़क निर्माण चुरिल कोना से ठठलू बस्ती तक कार्य में मुरम ढुलाई के नाम पर सचिव के द्वारा फर्जी बिल हैप्पी एवं ब्रिक्स इंडस्ट्रीज सन्ना के नाम पर सरपंच से कोरा बिल (पांच पन्ना) में दबाव डालकर धमकी देकर हस्ताक्षर कराया गया है जबकि निर्माण स्थल में मुरूम उपलब्ध है तथा कार्य मजदूरों से कराया गया है उक्त कार्य का सामग्री राशि भुगतान न किया जाए रोक लगाने की भी मांग की गई है ।
आपको बता दें कलेक्टर से की गई शिकायत में बताया गया है कि 15 में वित्त आयोग मध्य सरपंच का डीएससी सचिव अपने पास रखता है एवं फर्जी राशि का आहरण कर भुगतान कर देता है।
15 में वित्त आयोग मध्य अंतर्गत वर्ष 2022-23 में दो नग मुर्मी करण के नाम पर डेढ़ लाख एवं दूसरा डेढ़ लाख कुल 3 लाख का भुगतान किया गया है जबकि उक्त कार्य में मात्र 41000 का कार्य हुआ है फर्जी भुगतान सचिव मंगतू राम भगत से वसूली कराकर ग्राम पंचायत लोरो के खाते में जमा कराने की भी मांग की गई है ।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार गांव का विकास करने के लिए राशि उपलब्ध कराता है लेकिन ऐसे सचिवों की काली करतूत के कारण गांव का विकास नहीं हो पाता है।


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