नई दिल्ली । भारतीय स्टार्टअप इस साल करीब एक लाख करोड़ रुपए जुटाने पर विचार कर रहा है। स्टार्टअप महाकुंभ में उद्यम पूंजी फर्म पीक एक्सवी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि करीब 20 अरब डॉलर की निजी पूंजी बिना निवेश के पड़ी है और वह भारत में निजी फर्मों एवं स्टार्टअप में निवेश के लिए तैयार हैं। उम्मीद की जा रही है कि भारतीय स्टार्टअप इस साल 8-12 अरब डॉलर (66,316 से 99,493 करोड़ रुपए) जुटा सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि 2021 से पहले स्टार्टअप में निवेश राशि 8-10 अरब डॉलर थी। 2021 और 2022 में यह संयुक्त रूप से बढ़कर 60 अरब डॉलर पहुंच गई। पिछले साल निवेश राशि सात अरब डॉलर थी, जिसे लोगों ने कम कहा। यह शून्य भी हो सकती थी, क्योंकि छह साल की फंडिंग दो साल में मिल गई थी। इस साल हम 8-12 अरब डॉलर के निवेश की राह पर हैं। भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए हर साल 10 अरब डॉलर या लगभग 80,000 करोड़ रुपए का वित्तपोषण पर्याप्त है। आज भारत में करीब 20 स्टार्टअप हैं, जो शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं। अगले 7-8 वर्षों में इनकी संख्या बढ़कर 100 तक पहुंचने की उम्मीद है। नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि स्टार्टअप इनोवेशन व विकास जारी रखने के लिए कॉरपोरेट गवर्नंस और सही मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित करें। कांत ने देश में स्टार्टअप की चिंता पर कहा कि लंबे समय के टिकाऊ और समृद्ध बनने के लिए ऐसी कंपनियों को कड़े कदम उठाने होंगे।