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संविधान का संकल्प पत्र से तुलना भाजपा का नकारात्मक सोच का उदाहरण : कुसुम दुबे

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राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी की सचिव एवं खैरागढ़ विधानसभा की प्रभारी अधिवक्ता श्रीमती कुसुम दुबे ने मुख्यमंत्री के भारतीय संविधान का संकल्प पत्र की तुलना पर कटाक्ष करते हुए कहीं के मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद धारी को संविधान से राजनीतिक पत्र का तुलना करना उनकी संविधान के प्रति नकारात्मक सोच का जीवंत उदाहरण है। भारतीय संविधान से देश चलने के साथ मौलिक अधिकार आम जनता को प्रदान किए हैं जो अकक्षुण है, वहीं संकल्प पत्र वर्ष 2004, 2009, 14 19 अब 2024 के संकल्प पत्रों से भाजपा का बदलता चेहरा साफ नजर आता है। वर्तमान में गैस पाइप लाइन के से गैस प्रदान करने की बात की जा रही है। सांसद संतोष पांडे के संपूर्ण संसदीय क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने वाले गेल लिमिटेड ने किसानों के खड़ी फसल व सिंचाई के लिए बिछाए गए ड्रिप इरिगेशन को जिस प्रकार से तहस-नहस कर उन्हें आर्थिक मार दी है, यहां तक की किसानों को मुआवजा भी प्रदान न कर सीधे उनको जहां फसल से वंचित किया, वहीं दोहरा आर्थिक मार दी, ऐसी स्थिति में भाजपा और संसद में थोड़ी भी नैतिकता है तो गेल लिमिटेड पर अपराध दर्ज कराकर किसानों को उनकी भूमि और उनकी संपत्ति के नुकसान का मुआवजा प्रदान करावे। शौचालय की राशि का हेराफेरी भी लोकसभा क्षेत्र में जगजाहिर है। पीएम उज्जवला गैस योजना के नाम महिलाओं को मुक्त गैस देने का सब्जबाग दिखाकर रिफिलिंग के बोझ तले दबाने का काम भी बीजेपी ने किया है। उज्जवला गैस कनेक्शन की रिफिलिंग का प्रतिशत आंकड़ों के अनुसार उजागर हुआ है, जो गरीब परिवारों के साथ जुमलेबाजी और अन्याय का साफ उदाहरण है।


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