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बीएसपी सीएसआर के रावघाट परियोजना में जुड़े 38 नए गाँव: 22 युवाओं को आईटीआई प्रशिक्षण

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सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के रावघाट सीएसआर परियोजना के अंतर्गत, इस शिक्षण सत्र से कई नए कार्यक्रम जुड़ रहे हैं। बीएसपी के सीएसआर विभाग ने अपने कार्य क्षेत्र का विस्तार करते हुए बफर जोन के और भी ग्रामों को सम्मिलित कर  सीएसआर के अंतर्गत आने वाले विभिन्न गतिविधियों और परियोजनाओं से भी जोड़ लिया है। अब रावघाट सीएसआर परियोजना के अंतर्गत आने वाले गाँवों की संख्या बढ़कर 60 हो चुकी है। रावघाट सीएसआर गतिविधि के तहत भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा रावघाट माइंस क्षेत्र के 10 वीं पास युवाओं को रामकृष्ण मिशन आश्रम द्वारा संचालित, औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र नारायणपुर में 22 युवाओं का चयन किया गया है। इन युवाओं का चयन 2 वर्षीय निःशुल्क आवासीय आईटीआई प्रशिक्षण हेतु किया गया है। यह रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से दिया जा रहा है। आईटीआई प्रशिक्षण के दौरान इन युवाओं को बीएसपी द्वारा रामकृष्ण मिशन छात्रावास में छात्रावास की सुविधा भी प्रदान की जा रही है।

इसी क्रम में सीएसआर योजनाओं के तहत रावघाट माइंस क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले शासकीय विद्यालयों में फोर्टिफाइड दूध का वितरण किया जाता है। 2023-2024 सत्र में लगभग 1700 विद्यार्थियों को इस स्कीम का लाभ प्राप्त हुआ था। बफर जोन गांवों की संख्या में वृद्धि के साथ ही इस शिक्षण सत्र से रावघाट क्षेत्र के कुल 82 शासकीय विद्यालयों के लगभग 2500 विद्यार्थियों को प्रतिदिन 200 मिली फोर्टिफाइड दुध का वितरण किया जायेगा। जिससे बढ़ते बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में सहायता मिलेगी और कुपोषण जैसे बीमारी को भी हराने में यह योजना लाभकारी सिद्ध होगी।

बीएसपी के सीएसआर विभाग ने अपने कार्य क्षेत्र का विस्तार करते हुए, इन युवाओ को रोजगार के लिए योग्य बनाने हेतु आईटीआई में प्रवेश प्रारम्भ कर दिया है। जिससे उन्हें भी रोजगार के समान अवसर उपलब्ध हो सकें। इसके तहत रावघाट परियोजना के बफर जोन ग्रामों को सम्मिलित किया गया है।

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र, भारत सरकार द्वारा घोषित महत्वाकांक्षी जिलों नारायणपुर एवं कांकेर के अंतर्गत रावघाट खदान के समीपस्थ गाँवों में अपने निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत विभिन्न सामाजिक कल्याण के कार्य कर रहा है। जिसमें प्रमुख रूप से महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास, आईटीआई प्रशिक्षण, लाईट मोटर वेहिकल ड्राइविंग प्रशिक्षण, किसान प्रशिक्षण, स्कूली शिक्षा, स्वास्थ्य, नर्सिंग की शिक्षा, चिकित्सकीय सुविधा, सेल खेल मेला, आधारभूत संरचना, सीसी रोड, बिटुमिनस रोड, सेकंडरी रोड, सोलर वाटर पम्पिंग सिस्टम, मिनी स्टेडियम, पुलिया, आँगनबाड़ी, देवगुड़ी, बेनेफिसिएशन बिंजलि डैम का निर्माण, हाई मास्ट लाइट, पेयजल, वाटर टैंक, लाइवलीहुड गतिविधियां, खेल, हाट बाजार शेड, छात्रावास, आश्रम, स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत करना, बोर वेल, ओपीडी बिल्डिंग का निर्माण, बिजली की आपूर्ति, वन विभाग के माध्यम से इको डेवलपमेंट योजना के तहत कार्य, फोर्टिफाइड दूध का वितरण, सोलर लाइट लगाना आदि कार्य शामिल हैं।

38 नए गाँव जुड़ने से लाभान्वित जनसंख्या में वृद्धि

वर्तमान में रावघाट परियोजना के बफर जोन ग्रामों में, कांकेर जिले के अंतागढ़ ब्लॉक की 8 पंचायतें और 37 गांव शामिल हैं। जबकि नारायणपुर जिले के नारायणपुर ब्लॉक से 9 पंचायत और 23 गांव अब इस परियोजना से जुड़ चुके हैं। 22 मूल बफर जोन गांव की 12370 जनसंख्या इन परियोजनाओं से लाभान्वित हो रही है, जिसमें अंतागढ़ की 5704 और नारायणपुर की 6666 जनसंख्या शामिल है। अब बीएसपी के सीएसआर विभाग ने इसका विस्तार करते हुए इस परियोजना में 38 नए बफर जोन गांवों को शामिल किया है। जिसके अंतर्गत कुल 10086 जनसंख्या इन परियोजनाओं से लाभान्वित हो रही है, जिसमें अंतागढ़ की 5635 और नारायणपुर की 4451 जनसंख्या शामिल है। इस तरह वर्तमान में अंतागढ़ से कुल 11339, नारायणपुर से 11117 सहित वनांचल क्षेत्र से 60 ग्रामों के कुल 22456 ग्रामीण जनसंख्या सीएसआर के अंतर्गत आने वाले विभिन्न परियोजनाओं से लाभान्वित होगी। अब इन नए गांवों में भी बीएसपी का काम होगा तथा स्कूल, नर्सिंग, आईटीआई, दूध उपहार आदि योजनाओं के माध्यम से नये गांवों को भी बढ़ावा मिलेगा और इनका विकास होगा। इन नए गावों में कोसरोंदा, सत्तीघाट, रेखाभट, हुरतराई, भटनार, छोटेजैतपुरी, टोटिनडंगारा, तहसील डंगारा, सरायपारा, पल्लेकासा, झपमरका, पीढ़ाबेड़ा, सुपगांव, तेलसी, सुलेंगा आदि सहित कुल 38 गांव जोड़े गए हैं।

सामाजिक बदलाव को लेकर अक्सर हम और आप सोचते है, कि हमारा समाज ऐसा बन जाए जहां ना गरीबी हो, ना भेदभाव, ना ही संसाधनों की कमी हो। हम अपने आसपास, अपने गांव, मोहल्ले में ऐसा बदलाव ला सकते हैं, जहां किसी चीज का आभाव ना हो। स्वास्थ्य सेवायें, शुद्ध पीने का पानी, टॉयलेट्स, अच्छा स्वास्थ्य, अच्छी शिक्षा, अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर आदि जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी ना हो। हमारी इसी सोच को और सुदूर वनांचल क्षेत्र के ग्रामीणों के सपनों को आकार देते हुए सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के रावघाट सीएसआर परियोजना के तहत इस तरह के सकारात्मक बदलाव लाने का जिम्मा अपने कंधो पर लिया है। साथ ही रावघाट सीएसआर विभाग ने रोजगार में भी अपना विस्तार करते हुए, वनांचल क्षेत्र के ग्रामीणों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान कर रही है, जिससे ग्रामीण युवा अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें और वे उन्नति कर सकें।

रावघाट सीएसआर परियोजना के तहत स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु ड्रायविंग प्रशिक्षण दिया गया

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के रावघाट सीएसआर परियोजना के तहत अक्टूबर 2023 को नारायणपुर क्षेत्र के समीपस्थ गाँव के 31 युवाओं को इंस्टिटयूट आफ ड्रायविंग एंड ट्रैफ़िक रिसर्च, ट्रेनिग सेंटर नया रायपुर में, नि:शुल्क लाईट व्हीकल ड्रायविंग प्रशिक्षण दिया गया है। इस ड्रायविंग प्रशिक्षण से नारायणपुर के 31 युवाओं के मन में आत्म विश्वास जागा है और उन्हें रोजगार का एक उपयुक्त अवसर भी मिला है। 31 परिवारों को उनकी उन्नति तरक्की एवं समृद्धि की दिशा मिली है। युवाओं को ट्रेनिग सेंटर में भोजन सहित रहने की मुफ्त सुविधा भी प्रदान की जाती है। इस प्रशिक्षण के साथ ही साथ लर्निंग लाइसेंस से परमानेंट लाइसेंस बनाने तक की भी सुविधा भी प्रदान की गई है।

150 लोगों को आईटीआई प्रशिक्षित करने के बाद सेल-बीएसपी में रोजगार भी उपलब्ध कराया

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र, दल्ली-राजहरा से रावघाट रेल लाइन परियोजना के निर्माण में आर्थिक रूप से 100 प्रतिशत फंडिंग कर रहा है, जिसके लिए अब तक 1627 करोड में से 1350 करोड का आर्थिक भुगतान कर चुका है। भिलाई इस्पात संयंत्र ने रेल-लाइन परियोजना से प्रभावित परिवारों में से 177 लोगों को आईटीआई में प्रशिक्षित कर उन्हें भिलाई इस्पात संयंत्र में रोजगार देने की जिम्मेदारी ली है। रावघाट रेल परियोजना प्रभावित परिवारों (पीएएफ) के 6 नए सदस्यों को फरवरी तथा मार्च 2024 को रोजगार के लिए ऑफर लेटर भी सौंपा जा चुका है। अब तक कांकेर के 113 और बालोद जिले के 37 लोगों सहित कुल 150 लोगों को आईटीआई प्रशिक्षित करने के बाद सेल-बीएसपी में नियुक्त किया गया है। इनमें 25 से अधिक महिला कर्मचारी शामिल हैं। जबकि 4 युवाओं की रोजगार प्रक्रिया जारी है, 4 युवाओं का अब भी  आईटीआई में प्रशिक्षित हो रहे हैं तथा 12 ऐसे युवा जो आईटीआई में प्रशिक्षित होने के अयोग्य हैं उन्हें मैनपावर सप्लाई सिस्टम में इंगेज किया गया है। निर्माणाधीन दल्ली-राजहरा से रावघाट रेल लाइन ने, न केवल क्षेत्र में रहने वाली आदिवासी आबादी को रेल कनेक्टिविटी प्रदान की है, बल्कि इसने वनांचल के कई लोगों को रेलवे स्टेशनों और उसके आसपास के क्षेत्रों में स्व-रोजगार के अवसर भी प्रदान किया है।

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र उन सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में से एक है, जो भारत के आर्थिक विकास में योगदान करने के साथ-साथ अपने परिधि ग्रामों को विकसित करने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहा है। बीएसपी की सफलता के अनेकों उदाहरण हैं, ऐसे उदाहरणों में से एक भिलाई इस्पात संयंत्र के रावघाट समुदाय का ये प्रयास एक महत्वपूर्ण कदम है और समग्र विकास तथा सेवा का परिचायक है।

पहले से चल रही सीएसआर योजनाएं

स्वास्थय के क्षेत्र में- तीन अस्पताल क्रमशः खोड़गाँव स्वास्थय केंद्र, दण्डकवन स्वास्थय केंद्र और अंतागढ़ स्वास्थय केंद्र संचालित है। इसके अलावा एक मोबाइल मेडिकल यूनिट की भी साप्ताहिक सेवा प्रदान की जा रही है। जिसमें सेनेटरी पैड का भी वितरण किया जाता है। गंभीर बिमारी से पीड़ित मरीजों को सेक्टर-9 अस्पताल भिलाई रिफर किये जाने की सुविधा भी है। समय समय पर दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण उपलब्ध कराने हेतु शिविर का आयोजन भी बीएसपी द्वारा किया जाता है। बीहड़ और सुदूर अंचल के ग्रामीण इन स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं।

रोजगारोन्मुखी कौशल विकास प्रशिक्षण के अंतर्गत प्रतिवर्ष क्षेत्र की बालिकाओं को नर्सिंग कराया जाता है। ऐसी 24 बालिकाओ को नर्सिंग कराया जा चुका है। अब तक कुल 248 बालिकाओं में से कई बालिकाएँ विद्या अर्जन के पश्चात कई सरकारी और प्राइवेट स्वास्थ्य केंद्र में स्थायी रोजगार प्राप्त कर अपनी सेवाएँ दे रहीं हैं।

विगत वर्ष कुल युवाओं को 31 रायपुर भेज के निःशुल्क एवं आवसीय ड्राइविंग प्रशिक्षण कराया गया है। उपरोक्त सभी योजनाओं का लाभ रावघाट माइंस के सीएसआर सम्मिलित सभी गाँवों को मिलेगा। जिससे क्षेत्र का विकास और ग्रामीणों के आजीविका में वृद्धि होगी। सेल भिलाई इस्पात संयंत्र अपने प्लांट एवं माइंस क्षेत्र के सामुदायिक समाजिक विकास में भागीदारी हेतु सदैव प्रतिबद्ध है।


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