रायपुर के सेजबहार में चल रही शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन अंतर्राष्ट्रीय कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कथा में आए लाखों भक्तों को कथा रूपी अमृत का रसपान कराया आचार्य ने कथा में बताया कि यदि हम भगवान की पूजन अर्चन में बैठे हैं और हमारा मन पूजन अर्चन में नहीं है हमारे मन में किसी तरह की भक्ति श्रद्धा और भगवान के प्रति विश्वास नहीं है फिर भी यदि हम भगवान का पूजन अर्चन करते हुए कोई भी चीज समर्पित कर रहे हैं तो उसका फल हमको नहीं मिलेगा क्योंकि हमने मन से पूजन अर्चन नहीं किया। उन्होंने कहा कि यदि हम भगवान की भक्ति करें तो हमारे मन में श्रद्धा और विश्वास होना चाहिए तभी हमारा कार्य सफल होगा।