रायपुर। चुनावों में लगातार मिल रही हार के बीच कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राष्ट्रीय महासचिव बनाकर उन्हें पंजाब का प्रभार सौंपा है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में लगातार चुनावी झटके लगे हैं।विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव और अब नगरीय निकाय चुनाव में भी कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इस हार ने न केवल कांग्रेस की राज्य में साख पर असर डाला है बल्कि पार्टी के भीतर भी असंतोष की स्थिति पैदा कर दी है।
भूपेश बघेल लंबे समय तक छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सबसे बड़े नेता रहे हैं। वह खुद अपने क्षेत्र में भी जनता का विश्वास नहीं जीत सके। नगरीय निकाय चुनाव में उनके गृह क्षेत्र पाटन में कांग्रेस को करारी हार झेलनी पड़ी। पाटन वही इलाका है, जो कभी भूपेश बघेल का मजबूत किला माना जाता था।
मगर, इस बार यहां कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। यही नहीं, पूरे राज्य में 10 निकायों के चुनाव हुए और सभी जगह कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले हुए विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को बुरी तरह शिकस्त मिली थी और भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी।
इस पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने तंज कसते हुए कहा कि जिसे कांग्रेस ने महासचिव बनाया, उसे उनके अपने घर की जनता ने ही हराकर धन्यवाद दिया है। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद प्रदेश की राजनीति में नई हलचल मच गई है।