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भिलाई इस्पात संयंत्र और बीएसएफ ने दंडकवन, रावघाट खदान में 31 महिलाओं को सिलाई मशीनों का वितरण किया

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सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने सीमा सुरक्षा बल (दंडकवन) की 11 बटालियन के सहयोग से सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र की रावघाट माइंस के दंडकवन, कांकेर क्षेत्र में 31 महिलाओं को सिलाई मशीनों का वितरण किया। सिलाई मशीनों का वितरण स्थानीय महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से ‘ग्रामीणों का कौशल विकास’ पहल के तहत किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन 19 फरवरी 2025 को महानिरीक्षक (बीएसएफ एफटीआर मुख्यालय, बीएसएफ विशेष अभियान, छत्तीसगढ़) श्री आनंद प्रताप सिंह (आईपीएस) द्वारा किया गया।

इस अवसर पर कार्यकारी कार्यपालक निदेशक (रावघाट, बीएसपी) श्री अरुण कुमार और महाप्रबंधक (रावघाट माइंस, बीएसपी) श्री अनुपम बिष्ट और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के वरिष्ठ अधिकारी, उपमहानिरीक्षक (ओपीएस, एफटीआर मुख्यालय, बीएसएफ स्पेशल-ऑप्स, छत्तीसगढ़) श्री बक्षराज कौशल, उपमहानिरीक्षक (एसएचक्यू बीएसएफ, रायपुर) श्री हरिंदर पाल सिंह सोही,  कमांडेंट (11वीं बटालियन, बीएसएफ) श्री शंकर प्रसाद साहू, , कमांडेंट (135वीं बटालियन, बीएसएफ), श्री नवाल सिंह, कमांडेंट (86वीं बटालियन, बीएसएफ) श्री अनिल सिंह रावत, 2आईसी, ओएफएफजी कमांडेंट (129वीं बटालियन, बीएसएफ) श्री रुपेश कुमार  सहित बीएसएफ के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, स्थानीय पंचायतों के सरपंच, लाभार्थी और ग्रामीण उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि श्री आनंद प्रताप सिंह (आईपीएस) ने श्री अरुण कुमार और अन्य बीएसएफ अधिकारियों के साथ मिलकर सिलाई मशीनें और यूटिलिटी किट वितरित कीं, जिसमें सिलाई सामग्री, धागा, बाल्टी, मग, बैग, चप्पल और स्टेशनरी शामिल थी। यह पहल स्थानीय महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक व्यापक कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया। लाभार्थियों का चयन, योग्यता परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर किया गया। जिसके बाद उन्हें सिलाई और वस्त्र निर्माण के विभिन्न रूपों में प्रशिक्षण दिया गया।

अपने संबोधन में श्री आनंद प्रताप सिंह (आईपीएस) ने सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के रावघाट खदान द्वारा सीमा सुरक्षा बल के सहयोग से चलाए गए संयुक्त कौशल विकास कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पहल महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद प्रत्येक महिला अपने परिवार को आगे शिक्षित कर सकती है। आईपीएस सिंह ने कहा, “महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और विभिन्न जिम्मेदारियों को संभालने में सक्षम हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अन्य महिलाओं को भी सिलाई सीखने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करेगा। मुझे उम्मीद है कि प्रशिक्षण प्राप्त महिलाएं इन सिलाई मशीनों का अच्छे से उपयोग करेंगी, परिश्रम से काम करेंगी, और अपने परिवार की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुधारेंगी।”

आरंभ में, श्री आनंद प्रताप सिंह (आईपीएस) ने स्थानीय पंचायतों के सरपंचों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में प्रशिक्षु महिलाओं और बीएसएफ जवानों द्वारा गोंडी, हल्बी, बिहू और भांगड़ा लोक नृत्य और गीतों सहित सांस्कृतिक प्रदर्शन भी किया गया। कार्यक्रम का समापन, मैत्रीपूर्ण रस्साकशी खेल के साथ हुआ, जिसमें स्थानीय युवा टीम ने बीएसएफ कर्मियों की टीम को हराया। कार्यक्रम का संचालन बीएसएफ अधिकारी (बीएसएफ एलीट 11वीं बटालियन, दंडकवन) श्री पी भूटिया ने किया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन कमांडेंट (11वीं बटालियन, बीएसएफ) श्री शंकर प्रसाद साहू द्वारा दिया गया।


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