राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 1919 में जलियांवाला बाग में जान गंवाने वालों को रविवार को श्रद्धांजलि दी और कहा कि कृतज्ञ भारत सदैव उनका ऋणी रहेगा। औपनिवेशिक शासन को दमनकारी शक्तियां प्रदान करने वाले रॉलेट एक्ट के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध कर रहे सैकड़ों लोगों को 1919 में आज ही के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में बिना किसी उकसावे के ब्रिटिश सेना ने गोलियों से भून दिया था।