सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता को 30 अप्रैल 2025 को सेवानिवृत्त होने के उपलक्ष्य में संयंत्र प्रबंधन तथा समस्त बीएसपी सामूहिक की ओर से भावभीनी विदाई दी गई। विदाई समारोह इस्पात भवन में आयोजित किया गया, जिसमें संयंत्र के सभी कार्यपालक निदेशकगण तथा वरिष्ठ अधिकारियों ने गरिमामयी उपस्थिति दर्ज की।
इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) श्री एस. मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) श्री ए.के. चक्रवर्ती, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) श्री प्रवीण निगम, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) श्री पवन कुमार, कार्यपालक निदेशक (माइन्स) श्री बी.के. गिरी, कार्यपालक निदेशक (संकार्य) श्री राकेश कुमार, कार्यपालक निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. रवींद्रनाथ एम., कार्यकारी कार्यपालक निदेशक (रावघाट) श्री अरुण कुमार, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारीगण, अन्य मुख्य महाप्रबंधकगण एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
श्री दासगुप्ता अपनी पत्नी, श्रीमती त्रिपर्णा दासगुप्ता, जो भिलाई महिला समाज की अध्यक्ष भी हैं, एवं पुत्री सूश्री निहारिका दासगुप्ता के साथ समारोह में सम्मिलित हुए।
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के समस्त कार्यपालक निदेशकगण ने संयंत्र परिवार की ओर से श्री अनिर्बान दासगुप्ता को भावपूर्ण विदाई दी तथा उनके उत्तम स्वास्थ्य एवं सुखद भविष्य की शुभकामनाएँ दीं। उपस्थित अधिकारियों ने उनके लगभग उनचालीस वर्षों के सेवा-काल एवं विशेष रूप से भिलाई इस्पात संयंत्र में छह वर्षों की सराहनीय सेवाओं की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
निदेशक प्रभारी (सेल-बीएसपी) श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने इस अवसर पर सेल की विभिन्न इकाइयों में अपने चार दशक के सेवा अनुभव को साझा करते हुए प्रशिक्षण काल से लेकर सेवानिवृत्ति तक के सफर को आत्मीयता से स्मरण किया। उन्होंने आगामी जीवन से जुड़ी अपनी योजनाओं की भी संक्षिप्त जानकारी दी।
इस अवसर पर उपस्थित कार्यपालक निदेशकगण के साथ अध्यक्ष (सेफी एवं ऑफिसर्स एसोसिएशन-बीएसपी) श्री एन.के. बंछोर, महासचिव (ऑफिसर्स एसोसिएशन-बीएसपी) श्री परविंदर सिंह, महाप्रबंधकगण (सम्पर्क, प्राशासन एवं जनसंपर्क) श्री अमूल्य प्रियदर्शी एवं श्री सौमिक डे ने भी श्री अनिर्बान दासगुप्ता का सम्मान करते हुए उनके योगदान की सराहना की। विदाई समारोह का संचालन सहायक महाप्रबंधक (जनसंपर्क विभाग) श्रीमती अपर्णा चंद्रा द्वारा किया गया।
आईआईटी-बीएचयू के मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र रहे श्री अनिर्बान दासगुप्ता का सेल में लगभग उनचालीस वर्षों का अनुकरणीय, प्रेरणादायक और बहुआयामी कार्यकाल रहा है। उन्होंने 01 अगस्त 1986 को प्रबंधन प्रशिक्षु (तकनीकी) के रूप में सेल के सेंटर फॉर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीईटी) से अपनी सेवा यात्रा प्रारंभ की थी।
सीईटी में कार्यकाल के दौरान उन्होंने रणनीतिक एवं तकनीकी परियोजनाओं में सक्रिय भूमिका निभाई, जिनमें प्रमुख संयंत्र परियोजनाओं की व्यवहार्यता रिपोर्ट, निविदा विनिर्देश, तथा कॉर्पोरेट पुनर्गठन से संबंधित महत्वपूर्ण कार्य शामिल रहे। उन्होंने वर्ष 2005 एवं 2012 की सेल की कॉर्पोरेट योजनाओं तथा इस्को इस्पात संयंत्र के पुनरुद्धार योजना में अहम भूमिका निभाई, जो उनके प्रारंभिक योगदान को ऐतिहासिक रूप से रेखांकित करती है।
अक्टूबर 2010 में उन्हें सेल कॉर्पोरेट कार्यालय के अध्यक्ष सचिवालय में उप–महाप्रबंधक तथा बाद में महाप्रबंधक के रूप में पदस्थ किया गया, जहाँ उन्होंने उच्च-स्तरीय नीति निर्माण एवं संचालन रणनीतियों में प्रभावशाली योगदान दिया।
सितंबर 2017 में श्री अनिर्बान दासगुप्ता को इस्को इस्पात संयंत्र (आईएसपी) का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया गया, जहाँ उन्हें दुर्गापुर इस्पात संयंत्र (डीएसपी) एवं एलॉय स्टील प्लांट (एएसपी) का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया। उनके नेतृत्व में आईएसपी ने उल्लेखनीय प्रगति की और उत्पादन क्षमता की दिशा में निर्णायक कदम उठाए।
जून 2019 में श्री दासगुप्ता को भिलाई इस्पात संयंत्र का सीईओ बनाया गया, जहाँ वे पुनः डीएसपी और एएसपी के अतिरिक्त प्रभार के साथ नियुक्त हुए। संयंत्र संचालन में उनकी सफलता ने उन्हें फरवरी 2020 में सेल के निदेशक (परियोजना एवं व्यापार योजना) के रूप में बोर्ड में स्थान दिलाया। बोर्ड के पुनर्गठन उपरांत उन्हें सितंबर 2020 में भिलाई इस्पात संयंत्र का निदेशक प्रभारी नियुक्त किया गया, जहाँ उन्होंने सेवानिवृत्ति तक प्रभावी नेतृत्व प्रदान किया।
निदेशक प्रभारी के रूप में, श्री दासगुप्ता के कार्यकाल में संयंत्र ने न केवल परिचालन उत्कृष्टता प्राप्त की, बल्कि नव आधुनिकीकरण इकाइयों में उत्पादन संवर्धन भी सुनिश्चित किया। उनकी कार्यशैली रणनीतिक दूरदर्शिता, सहभागी नेतृत्व और संचालन कुशलता का उत्कृष्ट समन्वय रही।
उनकी सेवानिवृत्ति एक ऐसे युग का समापन है, जिसमें नेतृत्व, तकनीकी उत्कृष्टता और सेल के विकास के प्रति समर्पण की मिसाल स्थापित हुई।