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पोषण वाटिका से सुपोषित हो रहे हैं नौनिहाल,स्थानीय साग-सब्जियों से मिल रही है पोषक तत्व।

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बीजापुर-बीजापुर जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के कारगर क्रियान्वयन के फलस्वरूप बीते एक वर्ष में करीब 10 प्रतिशत सुपोषण दर में आशातीत वृद्धि हुई है।सुपोषण अभियान के अंतर्गत अतिरिक्त आहार के रूप में सभी बच्चों,गर्भवती माताओं, शिशुवती माताओं,शाला त्यागी किशोरी-बालिकाओं तथा 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं को अंडा, मूंगफली चिक्की और पौष्टिक बिस्किट प्रदाय किया जा रहा है।वहीं सभी बच्चों और शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को गर्म भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।गर्भ भोजन में स्थानीय साग-सब्जियों की उपलब्धता से हितग्राहियों को पोषक तत्व सुलभ हो रहा है।ये हरी साग-सब्जियां आंगनबाड़ी केन्द्रों सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं,सहायिकाओं तथा हितग्राहियों के घरों पर विकसित पोषण वाटिका से उत्पादित हो रहा है।

ज्ञातव्य है कि जिले के 276 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर तार फेंसिंगयुक्त पोषण वाटिका विकसित किया गया है।इसके साथ ही 819 आंगनबाड़ी केन्द्रों के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा सहायिकाओं के घरों पर पोषण वाटिका विकसित किये गये हैं।वहीं हितग्राहियों के घरों में मुनगा एवं पपीता के पौधे रोपित करने सहित साग-सब्जियां उत्पादित किया जा रहा है।उक्त स्थानीय साग-सब्जियों के उपयोग से हितग्राही सुपोषित हो रहे हैं।इसी कड़ी में जिले के बीजापुर ब्लाक अंतर्गत मांझीगुड़ा आंगनबाड़ी केन्द्र में विकसित सुपोषण वाटिका का बेहतर प्रतिसाद वहां के हितग्राहियों को मिला है।अब इस आंगनबाड़ी केन्द्र से लाभान्वित सभी बच्चे सुपोषित हो गये हैं।

बीजापुर विकासखण्ड के मांझीगुड़ा केन्द्र में 06 वर्ष तक के कुल 46 बच्चे दर्ज हैं,सुपोषण अभियान प्रारंभ होने के पूर्व यहां पर कुल 09 बच्चे कुपोषित थे जिनमें से 04 गंभीर कुपोषित थे।केन्द्र की कार्यकर्ता श्रीमती प्रेमकुमारी बाकडे एवं सहायिका श्रीमती सुमित्रा बाकडे ने बताया कि केन्द्र में पोषण वाटिका का निर्माण ग्राम पंचायत के सहयोग से निर्माण कराकर उसमें मुनगा, पपीता का पौधा लगाया गया साथ ही साथ केन्द्र में भिण्डी, बैंगन,बरबट्टी, लौकी, पालक भाजी, लाल भाजी, धनिया पत्ती, मुली, टमाटर नियमित रूप से लगाया जा रहा है और केन्द्र से ही निकलने वाले सब्जियों का उपयोग केन्द्र में लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों के खाने के लिए किया जा रहा हैं। इसके साथ ही कार्यकर्ता के द्वारा ऐसे सभी बच्चे जो कि पोषण पुनर्वास में भर्ती किये जाने के श्रेणी में है उन्हे चिन्हित कर पोषण पुनर्वास में भर्ती कराया गया। कार्यकर्ता के द्वारा केन्द्र से लाभान्वित होने वाले सभी बच्चों का नियमित टीकाकरण भी कराया जा रहा है, इन सब के साथ केन्द्र मंे लाभान्वित होने वाले गर्भवती माता, शिशुवती माता एवं एनीमिक महिलाओं व शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को नियमित रूप केन्द्र से लाभान्वित किया जा रहा है।
कार्यकर्ता के द्वारा मांझीगुड़ा में सभी हितग्राहियों के गृहभ्रमण कर नियमित रूप से प्रचार-प्रसार किया जाता है, साथ ही ग्रामीणजनों का बैठक भी किया जाता है, इन सभी कार्यों में जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जा रहा है, इन सभी समन्वित प्रयासों का ही परिणाम हैं कि केन्द्र में एक भी बच्चा कुपोषित नहीं है।


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