मुंबई,12 दिसम्बर | Stanpaan : नवजात शिशुओं, खासकर कम वजन वाले शिशुओं को जन्म के कुछ घंटों के भीतर (Stanpaan) स्तनपान कराने से उन्हें मिर्गी और मस्तिष्क की विभिन्न बीमारियों से बचाया जा सकता है। एक ताजा अध्ययन में यह खुलासा हुआ है।
जिसमें बताया गया है कि किसी कारणवश अगर नवजात शिशु को जन्म के कुछ घंटे के भीतर (Stanpaan) स्तनपान कराया जाए तो उनका ब्लड ग्लूकोज घट जाता है ।जिसके कारण दूसरे या तीसरे दिन बच्चे को ऐंठन होने लगती है।
पी.डी हिंदुजा अस्पताल के डॉ .ब्रजेश उड़ानी कहते हैं, अक्सर ऐसे बच्चों को शुरुआती कुछ साल में मिर्गी की शिकायत हो जाती है।
कई बार इसका इलाज नहीं हो पाता। ऐसे में बच्चों को मानसिक विक्षिप्तता, ऑटिज्म, पढ़ने या सीखने में परेशानी आंखों की बीमारी भी हो सकती है।
डॉ.उड़ानी ने बताया कि शुरुआत के कुछ साल में मिर्गी का शिकार हुए बच्चों में इसकी वजह जानने के लिए हमने लगभग 100 शिशुओं के जन्म रिकॉर्ड की छानबीन की और उनके दिमाग का सीटी स्कैन किया।
पता चला कि जन्म के कुछ घंटे के दौरान जिन बच्चों को मां का दूध नहीं मिला था, उनके ब्लड में ग्लूकोज स्तर कम था।
दूसरे या तीसरे दिन बाद इन बच्चों में निष्क्रियता और ऐंठन जैसे लक्षण देखे गए थे।
उड़ानी कहते हैं कि 50 सदी मामलों में मिर्गी का कारण जन्म के समय मस्तिष्क को पहुंची क्षति थी। यह क्षति ऑक्सीजन और ब्लड ग्लूकोज स्तर में आई कमी के कारण भी पहुंचती है।
मिर्गी के लक्षण उन बच्चों में ज्यादा देखने को मिले , जिनका कलो ग्राम से कम था और जो आपरेशन से पैदा हुए थे।