Home देश ‘चंद्रयान-3 की लांचिंग पर पीएम मोदी की मौजूदगी पर संशय

‘चंद्रयान-3 की लांचिंग पर पीएम मोदी की मौजूदगी पर संशय

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नई दिल्ली । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अधिक ईंधन एवं कई सुरक्षित उपायों से लैस ‘चंद्रयान-3 का शुक्रवार (14 जुलाई) को प्रक्षेपण करने के साथ चंद्रमा पर उतरने का एक और प्रयास करने को तैयार है। इसके लिए चांद पर एक बड़ा ‘लैंडिंग स्थल निर्दिष्ट किया गया है। इसरो ने कहा कि इस बार हमने विफलता-आधारित डिजाइन का विकल्प चुना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कुछ चीजें गलत होने पर भी लैंडर चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतर सके। मिशन ‘चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या शामिल होने वाले हैं। इस सवाल पर इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि उन्हें लॉन्चिंग के लिए आमंत्रित किया गया है, लेकिन फिलहाल यह कंफर्म नहीं है कि वह इस मौके पर मौजूद रहने वाले हैं या नहीं। इसरो चीफ सोमनाथ ने कहा कि प्रधानमत्री मोदी सहित सभी उच्च अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है, अब वे चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग में शामिल होते हैं, या नहीं हम इस पर कुछ नहीं कह सकते।
बता दें कि इससे पहले साल 2019 में चंद्रयान-2 मिशन के लॉन्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए थे। 22 जुलाई, 2019 को लांच किया गया चंद्रयान-2 सफल नहीं हो सका था और चांद पर लैंड करते ही वह क्रैश कर गया था। उस समय के. सिवान इसरो के अध्यक्ष थे और मिशन के फेल होने पर वे भावुक होकर रो पड़े थे, तब प्रधानमंत्री ने उन्हें संभाला और हौसला बढ़ाया था।
सोमनाथ ने कहा कि हमने बहुत सी विफलताओं को देखा-सेंसर की विफलता, इंजन की विफलता, एल्गोरिदम की विफलता, गणना की विफलता। इसलिए, जो भी विफलता हो, हम चाहते हैं कि यह आवश्यक वेग और निर्दिष्ट मान पर उतरे। इसलिए, अंदर अलग-अलग विफलता परिदृश्यों की गणना और योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया गया है।
उन्होंने चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम के ‘सॉफ्ट लैंडिंग करने में असफल रहने का ब्यौरा साझा कर कहा कि जब इसने चंद्रमा की सतह पर 500 मीटर गुणांक 500 मीटर के निर्दिष्ट लैंडिंग स्थल की ओर उतरना शुरू किया, तब इसके वेग को धीमा करने के लिए डिजाइन किए गए इंजनों में उम्मीद से अधिक बल विकसित हो गया। अधिक बल उत्पन्न होने से कुछ ही अवधि में त्रुटियां पैदा हो गईं। इस बार हमने उन सभी विफलताओं से सीखा है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 में ईंधन भी अधिक है, जिससे इसमें यात्रा करने या पथ-विचलन को संभालने या वैकल्पिक लैंडिंग स्थल पर जाने की अधिक क्षमता है।


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