नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2024 के चुनावों के लिए सुल्तानपुर और पीलीभीत लोकसभा क्षेत्रों से पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और वरुण गांधी को मैदान में उतारने की संभावना नहीं है। पार्टी के भीतर एक आंतरिक सर्वेक्षण का हवाला देकर दावा किया गया कि मां-बेटे की जोड़ी ने स्थानीय स्तर के भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच अपना समर्थन खो दिया है। यूपी की दो सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार कौन होगा, यह पता लगाने के लिए भाजपा पहले से ही आंतरिक सर्वेक्षण कर रही है। देश में 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सर्वे रिपोर्ट से साफ होता है कि सुल्तानपुर के बीजेपी कार्यकर्ता स्थानीय सांसद मेनका गांधी से नाराज हैं। मेनका की संसदीय क्षेत्र में कम मौजूदगी पर भी जनता ने नाराजगी है। मेनका संगठनात्मक कार्यक्रमों से भी ज्यादातर समय गायब रहती हैं। सर्वे रिपोर्ट पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी के खिलाफ है। बीजेपी का स्थानीय संगठन भी पूरी तरह से सांसद के खिलाफ है। वरुण के बयान के बाद पार्टी नेतृत्व ने इस बार पीलीभीत में उम्मीदवार बदलने का भी फैसला किया है। पार्टी राज्य सरकार में कुर्मी समुदाय से एक राज्य मंत्री को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है।
पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने पिछले तीन साल से बीजेपी से दूरी बना रखी है। वरुण गांधी न विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करने आये, न ही वे किसी संगठनात्मक कार्यक्रम में भाग लेते हैं। वरुण केंद्र सरकार और राज्य की व्यवस्था के फैसलों के खिलाफ भी अक्सर मुखर रहते हैं। इसके बाद तय माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी और वरुण गांधी का टिकट कट सकता है। बीजेपी ने सुल्तानपुर और पीलीभीत में नए चेहरों की तलाश शुरू कर दी है। ये दोनों गांधी परिवार से आते हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गांधी परिवार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते।