Home छत्तीसगढ़ शासकीय कमलादेवी राठी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन

शासकीय कमलादेवी राठी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन

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राजनांदगांव। शासकीय कमलादेवी राठी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजनांदगांव में 9 मार्च 2024 को प्राचार्य डॉ. आलोक मिश्रा के मार्गदर्शन एवं महिला प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ. हरप्रीत कौर गरचा की प्रेरणा से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया गया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाये जाने वाले महिला दिवस 2024 का थीम इंस्पायर इन्क्लूजन रखा गया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. मधुरिमा शेखर शास्त्री, पूर्व प्राचार्य-शासकीय कमलादेवी राठी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय सत्र-1970 से 1984, सम्मानीय अतिथि के रूप में डॉ. हेमलता मोहबे पूर्व प्राचार्य-शासकीय कमलादेवी राठी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय सत्र 1995 से 2002, विशिष्ठ अतिथि के रूप में डॉ. बीएन मेश्राम प्राचार्य-शासकीय बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर महाविद्यालय डोंगरगांव एवं डॉ. सुमन सिंह बघेल प्राचार्य-शासकीय शिवनाथ विज्ञान एवं कला महाविद्यालय राजनांदगांव को आंमत्रित किया गया था।
कार्यक्रम का सुचारू रूप से संचालन डॉ. निवेदिता ए. लाल द्वारा किया गया तथा उन्होंने बतलाया कि यह दिन महिलाओं की आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।
इस अवसर पर संस्था प्रमुख डॉ. आलोक मिश्रा ने कविता के माध्यम से बताया कि कैसे नारी हर रिश्तें को संजोकर जीवन के विभिन्न पहलुओं में रंग भर देती है। साथ उन्होंने छात्राओं को उत्तरोत्तर प्रगति करने की प्रेरणा दी।
डॉ. नीता एस. नायर ने अतिथियों का परिचय कराया तथा राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल के क्षेत्र में महिलाओं की उपलब्धियों को बताया। डॉ. मधुरिमा शास्त्री ने कहा कि मोबाइल व टेक्नोलिजी ने परिवार की प्राथमिकताओं को प्रभावित किया है, केवल महिला ही है, जो परिवार की डोर थाम कर अपने कार्यक्षेत्र के साथ तालमेल बैठा सकती है व दोनों ही क्षेत्रों में बेहतर कर सकती है।
डॉ. हेमलता मोहबे ने कहा कि आज महिलायें आत्मनिर्भर बन गई है। हर क्षेत्र वह मिसाल कायम कर रही है। नारी सशक्तिकरण से ही राष्ट्र की उन्नति संभव है, किन्तु हमें उन नारियों को नहीं भूलना चाहिए, जो घर संभालती है। सभी के उत्थान के लिए प्रयास करना चाहिए। डॉ. सुमन सिंह बघेल ने संदेश दिया कि कामकाजी महिलाओं को जिन दुविधाओं का सामना करना पड़ता है, यदि उनका परिवार व समाज इन बातों को समझे व सहयोग प्रदान करें, तो हम सभी एक सुदृढ़ राष्ट्र निर्माण की ओर अग्रसर होंगे।
डॉ. बी.एन. मेश्राम ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि निर्धन परिवार से आने वाली छात्राएं आर्थिक बाधा के चलते पढ़ाई न छोड़े, समस्याओं का समाधान निकाले, सहायता ले व निरंतर आगे बढ़ते रहे। डॉ. हरप्रीत कौर गरचा ने इतिहास में दर्ज महिलाओं की गाथा एवं उनके शौर्य का वर्णन किया तथा उनके जीवन से सीख लेने की प्रेरणा दी। साथ ही उन्होने कहा कि हमें ऐसे समाज के निर्माण को बढ़ावा देना चाहिए, जहां महिलाएं स्वयं को समाज से जुड़ा हुआ व सशक्त महसूस कर सके।
श्रीमती नीलमराम धनसाय ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी आज यह सुनिश्चित करते है कि अपने कुटुम्ब, समाज व राष्ट्र में महिलाओं की स्थिति मजबूत करने के सार्थक प्रयत्न करेंगे। महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. सुषमा तिवारी, सुश्री आबेदा बेगम, डॉ. युगेश्वरी साहू, श्रीमती नंदिनी चंद्रवंशी, अमरनाथ निषाद, अतिथि व्याख्याता डॉ. दुर्गा शर्मा, सुरेन्द्र कुमार पटले, हर्षा कुशवाहा, चांदनी झा, थनवार साहू, गीता साहू, सानवी पंजवानी, केनेश्वरी साहू का विशिष्ट सहयोग एवं धनेश कुमार पटेल से तकनीकी सहयोग प्राप्त हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वीप प्रभारी अमरनाथ निषाद द्वारा अगामी लोकसभा निर्वाचन हेतु मतदाता शपथ दिलवाया गया।


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