राजनांदगांव। किसी भी कार्य को करने के लिए आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है। यही आत्म-विश्वास हमारे अंदर आत्मनिर्भरता का संचार करता हैं। जी हां आज हम एक ऐसी ही शख्सियत बसंत कुमार मेश्राम के बारे में बताएंगे, जिनका व्यक्तित्व पहाड़ जैसा दृढ़ और नदियों की तरह संघर्ष शील और धैर्यवान हैं। बसंत मेश्राम एक उत्कृष्ट इंजीनियर हैं, जो अब राजनीति के माध्यम से समाज की सेवा कर रहे हैं। वर्तमान में उन्होंने बहुजन मुक्ति पार्टी की ओर से राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में एक सशक्त एवं शिक्षित उम्मीदवार के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है। आइए जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी दिलचस्प बातें।
अविभाजित मध्य प्रदेश की वह सुनहरी सुबह 3 फरवरी 1959 की, जब बालाघाट जिले के छोटे से गांव झड़ी में एक मध्यम वर्गीय परिवार में बसंत मेश्राम का जन्म हुआ। वह शुरू से ही मेधावी रहे हैं, उनकी प्राथमिक शिक्षा गांव में ही हुई, जिसके बाद उन्होंने बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। एमपीईबी में इलेक्टि्रक इंजीनियर के पद में रहते हुए उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी। इसी दौरान उन्होंने एमबीए भी किया। आज भी वे कुछ न कुछ नया सीखते रहते हैं। उन्होंने अदीब आलिम (उर्दू साहित्य) और त्रिपिटक का भी अध्ययन किया है। फरवरी 2021 में सीएसपीडीसीएल में एडिशनल चीफ इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वह वर्तमान में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रहते हैं।
इंजी. बसंत मेश्राम ने मीडिया को बताया कि देश के अंतिम व्यक्ति को भी अन्य लोगों के समान लाभ मिलना चाहिए। भारतीय संविधान के मूलभूत सिद्धांतों को लागू कर शासन व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने लोकसभा प्रत्याशी रहते हुए स्टांप पेपर में तमाम गारंटी वाली बातों का जिक्र किया है, जिसमें मुख्यतः समान शिक्षा, कृषि नीति, आरक्षण नीति, स्वास्थ्य नीति, समग्र अल्पसंख्यक मुद्दे, अत्याचार निवारण नीति, निजीकरण नीति और अन्य राष्ट्रीय मुद्दे शामिल हैं। उनके लिए सच्चाई एक अवसर नहीं बल्कि विश्वास का एक अंग है। उन्होंने शायद ही कभी अपने सिद्धांतों को स्थिति की बाध्यताओं के आगे दबने दिया। मुश्किल परिस्थितियों में भी वे प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ते गए। वह स्वयं यह मानते है कि-सभी को सच्चाई और विश्वास के अनुसार ही जीवन में कर्म करना चाहिए।
उन्होंने अपनी शिक्षा और व्यावसायिक अनुभव का उपयोग करके जनता की सेवा करने का संकल्प लिया है। उनके इंजीनियरिंग बैकग्राउंड ने उन्हें नए सोच की दिशा देने में मदद की है। उनकी योग्यता, नैतिकता और दृढ़ संकल्प ने लोगों के विश्वास को जीता है।
भगवान गौतम बुद्ध ने पूरी मानवता को एक नई राह दिखाई। उन्हीं के नक्शेकदम पर चलते हुए हमारे महापुरुषों बाबा साहब, ज्योतिबा फुले, कांशीराम ने अपना जीवन सामाजिक न्याय और समानता के लिए समर्पित कर दिया। उनका योगदान आज भी प्रासंगिक है और हम सभी को एक बेहतर समाज बनाने के लिए प्रेरित करता है। वामन मेश्राम जी बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, उन्होंने भी हमेशा प्रेरणा दी है।
इंजी. बसंत मेश्राम की उदार भावना और निष्पक्ष दृष्टिकोण समाज की समस्याओं को हल करने में मदद करेगा। वह नवाचार और विकास की पक्षधर हैं, जो आधुनिक और प्रगतिशील भारत के लिए आवश्यक है। अपने विचारों और कार्यक्षमता के माध्यम से लोगों के लिए सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।