मैगी बनाने वाली कंपनी Nestle एक बार फिर विवादों में है। इस बार कंपनी अपने बेबी फूड आइटम में जरूरत से ज्यादा शूगर की मात्रा को लेकर चर्चा में है। नेस्ले पर आरोप हैं कि वह विकासशील देशों में बेबी फूड्स पर शहद के साथ शुगर मिलाती है। पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि नेस्ले इंडिया के नमूनों की जांच से पता चलता है कि उसके बेबी फूड सेरेलैक के हर सर्विंग में औसतन 3 ग्राम शूगर मिली हुई रहती है।
शूगर कम करने पर कंपनी का फोकस
नेस्ले इंडिया ने इन आरोपों का जवाब देते हुए बताया कि पिछले पांच सालों में उसने अपने बेबी फूड प्रोडक्ट से एडेड शूगर की 30 प्रतिशत तक कम करना शुरू कर दिया है। अपनी सफाई में कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हम नियमित रूप से अपने पोर्टफोलियो को रिव्यू करते रहते हैं। हम न्यूट्रेशन, क्वालिटी, सेफ्टी और टेस्ट से समझौता किए बगैर बिना अतिरिक्त शूगर डालकर अपने प्रोडक्ट में निरंतर सुधार कर रहे हैं।
क्वालिटी से नहीं किया समझौता
नेस्ले इंडिया ने दावा किया कि उसके बेबी फूड में सभी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज, लौह आदि की मात्रा भरपूर होती है, जो छोटे बच्चों के लिए जरूरी होते हैं। हम अपने प्रोडक्ट की न्यूट्रीशनल क्वालिटी से कभी समझौता नहीं करते हैं और न ही करेंगे। कंपनी का यह भी कहना था कि वह अपने प्रोडक्ट में पोषण से जुड़ी प्रोफाइल को बेहतर करने के लिए ग्लोबल रिसर्च और डेवलपमेंट नेटवर्क का लाभ उठाते हैं।प्रोडक्ट्स में शूगर की अतिरिक्त मात्रा को लेकर नेस्ले इंडिया का कहना है कि हम यह सुनिश्चित करते हैं कि भारत में बनने वाले हमारे उत्पाद CODEX स्टेंडर्ड्स और दूसरे नियमों का सख्ती से पालन करते हैं।