सेल-भिलाई इस्पात सयंत्र के अत्यंत खतरनाक श्रेणी में आने वाले प्रोपेन प्लांट विभाग में 01फरवरी, 2025 को आपदा प्रबंधन को मजबूती प्रदान करने हेतु एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था। इस ड्रिल का उद्देश्य किसी भी संभावित आपदा की स्थिति में संयंत्र की तैयारियों का जायजा लेना था |
01फरवरी, 2025 को सुबह 10.30बजे प्रोपेन प्लांट-1 में अचानक गैस का रिसाव शुरू हो गया और एक विस्फोट हुआ, जिसमें एक कर्मचारी घायल हो गया। विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए घायल कर्मचारी को प्राथमिक चिकित्सा देते हुए उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसके साथ ही, फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस को भी सूचित किया गया।
फायर ब्रिगेड एवं एम्बुलेंस के घटनास्थल पर पहुंचते ही घायल कर्मचारी को उपचार के लिए मेन मेडिकल पोस्ट भेजा गया और आग पर काबू पाया गया। गैस रिसाव को बंद कर सभी कर्मचारियों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाल लिया गया। 10 मिनट के भीतर स्थिति सामान्य हो गई और विभाग का संचालन फिर से शुरू कर दिया गया। संयंत्र के कर्मचारियों और अधिकारियों ने त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करते हुए किसी भी प्रकार की जन-धन हानि को रोका। घायल कर्मचारी को भी तुरंत उपचार प्राप्त हुआ |
इस मॉक ड्रिल में विभाग प्रमुख एवं महाप्रबंधक (प्रोपेन स्टोरेज एवं डिस्ट्रीब्यूशन प्लांट) आर पी अहिरवार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने स्थिति को सामान्य करने और घायल कर्मचारी को तुरंत उपचार दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मुख्य महाप्रबंधक (उपयोगिताएं) श्री ए के जोशी के नेतृत्व में मॉक ड्रिल की समीक्षा की गई। उन्होंने मॉक ड्रिल के सफल आयोजन के लिए सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि मॉक ड्रिल भिलाई इस्पात सयंत्र की आपदा प्रबंधन तैयारियों का एक सफल उदाहरण है। इस प्रकार की मॉक ड्रिल समय-समय पर आयोजित की जानी चाहिए ताकि किसी भी संभावित आपदा से निपटा जा सके और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस दुर्गम स्थिति से निपटने के लिये विभिन्न एजेंसियों के साथ साथ विभाग के सुरक्षा अधिकारी श्री आर के चंद्रा एवं अन्य कर्मचारियों श्री छोटे लाल, श्री सत्या राजुलू, श्री गौरव कुमार, श्री अनंत किस्कू, श्री सरोज चौरसिया, श्री निलेश भांगे, श्री नंदी केशवर, श्री सूरज साहू, श्री लोमेश, श्री इन्द्रजीत, श्री दिलेश्वर आदि ने भी सराहनीय योगदान दिया।