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धमधा ब्लॉक के पथरिया गाँव की महिलाओं ने है ठाना अपने गांव को स्वच्छ और सुंदर बनाना

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-गाँव-गाँव में साफ-सफाई की अलख जगा रहीं स्वच्छता ग्राही समूह की दीदियां

-दे रहीं प्लास्टिक हटाओ बीमारी भगाओ का संदेश

-3 लाख 64 हजार की लागत से बना सेग्रिगेशन शेड

-गीले कचरे से कम्पोस्ट खाद बनाने की तैयारी

दुर्ग 8 दिसंबर 2020/ धमधा ब्लाक के पथरिया गांव की महिलाओं ने ठान लिया है कि अपने गांव को सुंदर और स्वच्छ बनाना है इसी उद्देश्य को लेकर वह निकल पड़ी है गांव की गलियों में हर हफ्ते घर-घर जाकर सूखा कचरा गीला कचरा इकट्ठा करती है अब तो गांव में सेग्रीगेशन शेड भी बन गया है। महिलाओं की इस लग्न को देखते हुए अब गांव के लोग भी खुले में कचरा नहीं  फेंकते, देखते ही देखते बदलने लगा है पथरिया। एक बदलाव की कर्णधार है स्वच्छता ग्राही समूह की दीदियां जो गांव-गांव में स्वच्छता की अलख जगा रही हैं। जिला पंचायत से मिली जानकारी के मुताबिक पथरिया में महात्मा गांधी नरेगा एवं स्वच्छ भारत मिशन के तहत तीन लाख 64 हजार की लागत से महिलाओं के काम करने के लिए शेड का निर्माण किया गया है। स्वच्छता ग्राही समूह की दीदियां श्प्लास्टिक हटाओं बीमारी भगाओश् का संदेश भी दे रही हैं।   ग्राम पंचायत सरपंच श्री चंद्रिका प्रसाद ने बताया कि सेग्रीगेशन शेड निर्माण से गांव को स्वच्छ और सुंदर बनाने में काफी मदद मिलेगी उन्होंने बताया कि पहले गांव वाले यहां वहां कचरा फेंक देते थे लेकिन अब वे जागरूक होने लगे हैं घर का कचरा डस्टबिन में एकत्रित रखते हैं इसके बाद स्वच्छता ग्राही समूह की महिलाएं रिक्शा लेकर घरों से कचरा इकट्ठा कर लाती हैं। इस कार्य के लिए समूह को  2 हजार रूपए  प्रति माह प्रोत्साहन राशि प्रदाय की जा रही है।

उन्होने  बताया कि सूखा कचरा और गीला कचरा रखने के लिये  अलग-अलग शेड बनाया गए हैं। गीले कचरे से खाद का निर्माण होगा वही सूखे कचरे से निकले प्लास्टिक कागज कांच की बोतलें और दूसरी सामग्रियां स्क्रैप के रूप में विक्रय की जाएंगी। स्वच्छ भारत अभियान के तहत अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य में लगी स्व-सहायता समूह की श्रीमती सोनम गुप्ता बताती हैं कि वर्कशेड में कार्य करने हेतु सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट अर्थात सूखा एवं गीला अपशिष्ट प्रबंधन के तहत 02 कंटेनर युक्त रिक्शा, 02 हाथ ठेला, खाद बनाने के लिए डी कम्पोजर , इलेक्ट्रानिक वजन मशीन, एयर हार्न (भोपू), मास्क, दस्ताना, जैकेट, जूता साड़ी, फावड़ा, कुदाली, धमेला, झाडू, फर्स्ट एड बाक्स आदि इत्यादि उपलब्ध कराया गया है। समूह की महिलाएं सप्ताह में 01 दिन कंटेनर युक्त रिक्शे के साथ घर-घर जाकर कचरा एकत्रीकरण का कार्य करते है। जिससे ग्राम पंचायत के सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फेकने की प्रथा बंद हो गई है। अब तक लगभग 310 किलोग्राम कचरा एकत्रित किया जा चुका है। ग्राम पंचायत से एकत्र किये गये कचरे का सेग्रीगेट करने हेतु स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एवं मनरेगा कन्वर्जेंस से सेग्रीगेशन शेड का निर्माण किया गया है। जिसमें राशि 3 लाख 34 हजार 5 सौ रूपए  स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एवं राशि 29 हजार 5 सौ  रूपए  की मनरेगा मद से मजदूरी भुगतान किया गया है। सेग्रीगेशन वर्कशेड में समूह हेतु पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था की गई है, साथ ही नाॅडेप एवं वर्मी कम्पोस्ट टेंक का निर्माण किया गया है।स्व-सहायता समूह में  काम कर रही श्रीमती गोदावरी सोनी, श्रीमती शांता साहू, श्रीमती गीता साहू, श्रीमती काजल गुप्ता, श्रीमती आरती गुप्ता, श्रीमती दशोदा साहू, श्रीमती मनिषा यादव, श्रीमती कौशिल्या रावत और श्रीमती गणेश बाई बताती है कि अपने गांव को साफ सुथरा बनाने के लिए उन्होंने यह काम करना शुरू किया है इसमें हमारे समूह को भी कुछ आमदनी हो जा रही है साथ ही अपने गांव को सुंदर स्वच्छ बनाने में हम सब अपना योगदान दे रही हैं। इन महिलाओं ने बताया कि शुरुआत में थोड़ी दिक्कत हुई लेकिन धीरे-धीरे ग्राम वासियों ने साफ सफाई का महत्व समझा और उनको पूरा सहयोग देने लगे।


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