मुंबई । पिछले 8 वर्षों में बैंकों में सबसे ज्यादा नगदी की कमी देखने को मिल रही है। 25 दिसंबर को बैंकिंग सिस्टम में लगभग 2.67 लाख करोड रुपए नगदी की कमी थी। मार्च 2016 के बाद यह सबसे खराब स्थिति 2023 में देखी गई है।
ब्लूमबर्ग डाटा रिपोर्ट के अनुसार 16 मार्च 2016 को बैंकों में 2.63 लाख करोड़ नगदी की कमी हुई थी। बैंकों में आमतौर पर प्रत्येक तिमाही के अंत में नगदी की कमी होती है। लेकिन इतनी बड़ी नगद राशि की कमी कभी नहीं हुई। जितनी अभी हुई है।बैंकों को नगदी समस्या से निपटने के लिए रिजर्व बैंक ने सहायता की। 22 दिसंबर तक रिजर्व बैंक ने 1.75 लाख करोड रुपए की सहायता बैंकों को उपलब्ध कराई है। रिजर्व बैंक ने वेरिएबल रेट रेपो की नीलामी की। इसमें बैंकों ने 4.26 लाख करोड रुपए की बोलियां लगाई थी। रिजर्व बैंक ने 6.68 तथा 6.70 फ़ीसदी ब्याज पर 1,75,013 करोड रुपए की बोलियां स्वीकार की। जबकि बैंकों से मांग 4.26 लाख करोड रुपए की थी। बैंकों में नगदी की कमी से रिजर्व बैंक भी चिंतित है।