राजनांदगांव। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की बात करने वाले शिक्षा मंत्री छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग में नई शिक्षा नीति को लागू करने में कोई रूचि लेते दिख नही रहे है।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने भी फरवरी माह में ही सभी सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं आरंभ करने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने अब तक इस ओर ध्यान तक नहीं दिया है। श्री पॉल का कहना है कि नई शिक्षा नीति के अनुसार सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं आरंभ करना पड़ेगा, इसलिए सरकार इस ओर कोई ध्यान नही दे रही है, क्योंकि सरकार सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी स्कूल आरंभ नहीं करना चाहती है।
श्री पॉल ने बताया कि यदि सरकार सभी सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं इस सत्र 2024-25 से आरंभ कर देती है, तो इससे सबसे बड़ा नुकसान प्राईवेट स्कूलों को होगा, क्योंकि प्राईवेट स्कूलों की सबसे ज्यादा कमाई प्री-प्राइमरी स्कूलों से ही आती है, और सरकार ऐसा नहीं चाहती, क्योंकि कहीं ना कहीं सरकार प्राईवेट स्कूलों को प्रमोट कर रही है और सरकार का संरक्षण प्राप्त कर प्राईवेट स्कूलों के द्वारा पालकों को लुटा जा रहा है, इसलिए सरकार सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं आरंभ करने में कोई रूचि नहीं ले रही है और स्कूल शिक्षा विभाग में नई शिक्षा नीति लागू नहीं किया जा रहा है, जबकि इस सत्र 2024-25 से नई शिक्षा नीति स्कूल शिक्षा विभाग में लागू होना चाहिए।